Churu News : सादुलपुर – राजगढ़ के 78 वर्षीय वरिष्ठ श्रावक दुलीचन्द श्यामसुखा का मंगलवार रात्रि को तप अभिनंदन किया गया। सादुलपुर सेठिया अतिथि भवन में आचार्य महाश्रमण की वयोवृद्ध शिष्या शासनश्री साध्वी विद्यावती के सानिध्य में तप अनुमोदना समारोह के रूप में उक्त कार्यक्रम हुआ। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा सादुलपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उद्बोधन देते हुए साध्वी विद्यावती ने कहा कि त्याग और तप जैन धर्म का आधार है। जिस प्रकार की कठोर तपस्याएं और त्याग जैन धर्मावलम्बी करते हैं वैसे संभवतया अन्य किसी धर्म संप्रदाय में नहीं होती है। उन्होंने इस चातुर्मासिक प्रवास के प्रथम तपस्वी श्यामसुखा को साधुवाद दिया। मुख्य वक्ता साध्वी सूर्य यशा ने निष्काम तपस्या के महत्व का उल्लेख किया। Churu News
श्यामसुखा का किया अभिनंदन
उन्होंने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ के श्रावक श्राविकाएं ही नहीं बालक तक उपवास और अठाई के प्रति समर्पित रहते हैं। उन्होंने गोगुंदा में हुई 180 दिवसीय तपस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि जैन धर्म का तप सिर्फ और सिर्फ जल के आधार पर होता है। साध्वी दिव्य प्रभा आदि की अर्हत वंदना के बाद कंचन देवी कोठारी के मंगलाचरण से कार्यक्रम शुरू हुआ। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अमरचंद कोठारी, मंत्री विनोद कोचर, महिला मंडल अध्यक्ष राजूदेवी बोथरा, उपाध्यक्ष शायर कोठारी, मंत्री ऊषा दूगड़ सहित पीयूष सुराणा, श्याम जैन और कोलकाता से आए हुए तपस्वी के अनुज भूपेन्द्र तथा श्रीमती सोनिया श्यामसुखा ने भी विचार व्यक्त किए। Churu News
किशन धादेंवा की ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा, सेठिया परिवार तथा महिला मंडल की ओर से तपस्वी को अभिनन्दन पत्र, अध्यात्म प्रतीक चिन्ह आदि भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में युवक परिषद अध्यक्ष प्रमोद दुगड़, किशोर मण्ड़ल अध्यक्ष नवीन सेठिया सहित सक्रिय कार्यकर्ता संदीप घोड़ावत, अशोक बेंगाणी, उमेश लुणावत, राजगढ़ के श्रावक अभिषेक सरावगी आदि की भागीदारी रही।Churu News
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